महोब्बत है तू आख़री मेरी
तू बोल गई कि में ना तेरी
क्यों सपने सपने दिखाए मुझे
क्यों उड़ने दिया मुझे
क्यो नज़रे मिलायी
क्यों तड़फया मुझे
जाना ही था तो क्यो जान बसाई मुझमें
तड़फ रहा हु तेरी इक जलक पाने को
पहले की तरह नज़रे मिलाने को
जाना ही था तो क्यो ख्याब दिखाया
क्यो अपना बनाया मुझे
Toshiya @lakhveerGharu
No comments:
Post a Comment